न जाने अरसा बीत गया है साथ में वक्त बिताये. न जाने अरसा बीत गया है साथ में वक्त बिताये.
घर के छोटे मोटे काम कर लेगी? उसने झट स्वीकृति में सर हिला दिया। घर के छोटे मोटे काम कर लेगी? उसने झट स्वीकृति में सर हिला दिया।
उनकी कथा की गायन शैली जो मनरिया द्वारा गाया जाता है उसका कोई और जोर नहीं हैं।। उनकी कथा की गायन शैली जो मनरिया द्वारा गाया जाता है उसका कोई और जोर नहीं हैं।।
आषाढ़ी वारी की परंपरा महाराष्ट्र में पुरातन काल से चल आ रही है। आषाढ़ी वारी की परंपरा महाराष्ट्र में पुरातन काल से चल आ रही है।
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे पूजा करूँ मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे पूजा करूँ
प्रभा की बात पर दादी के मुख से भगवती का उच्चारण होता है और दादी प्यार से सलोनी पर हाथ फेरती हैं। प्रभा की बात पर दादी के मुख से भगवती का उच्चारण होता है और दादी प्यार से सलोनी प...